शेती आणि पशुपालन विभागातील AQUAPONICS

नाव:- अक्षय काजरेकर
कोर्स:- DBRT
विभाग:- शेती आणि पशुपालन
प्रोजेक्टचे नाव:- AQUAPONICS






अनुक्रमणिका


अ.क्र.
तपशील
१.
प्रस्तावना
२.
उद्देश
३.
साहित्य व साधने
४.
पूर्व नियोजन
५.
कृती
६.
महत्व
७.
खर्च
८.
निरीक्षण
९.
अडचणी / समस्या
१०.
नोंदी
११.
फोटो
१२.
निष्कर्ष



प्रस्तावना:-
         AQUAPONICS हि अशी एक पद्धत आहे, ज्या मध्ये कमी जागेत मस्यपालन केले जाते व पाण्यातील माशांनी टाकून दिलेले पदार्थ वनस्पतींना पोशकद्रव्य पुरवतात. या मुळे पाणी शुध्द होते व पाण्यातील ऑक्सिजन वाढतो. हि पध्दत नैसर्गिक असल्याने याला विशेष निरीक्षण, पर्यवेक्षण व मोजमापाची गरज नसते.





उद्देश:-
कमीत कमी जागेत मत्स्यपालन करून, त्यातील निर्माण होणारे टाकाऊ पदार्थ वापरून भाजीपाल्याचे उत्पादन करणे व पाणी शुद्ध करणे.

साहित्य व साधने:-
कुदळ, फावडे, घमेले, प्लास्टिक पेपर, विटा, विटांचे तुकडे, लवचिक पाईप, पीव्हीसी पाईप, मासे इत्यादी.

पूर्व नियोजन:-
१.    जागा निश्चिती: या प्रोजेक्ट साठी उताराच्या जागेची गरज आहे. या उतारावर अशा प्रकारे बेड तयार करायचे कि त्याचा उतार माशांच्या तळ्यात येईल. या मुद्द्यांचा विचार करून जागेची निश्चिती केली.
२.    माश्यांच्या टाकीची व्यवस्था: पाणी साठण्यासाठी टाकीचे लिकेज काढले. प्लास्टिक पेपरचे लिकेज काढले.






कृती:-
१.    तयार केलेल्या टाकीत मासे सोडले.
२.    DO मीटरने पाण्यातील ऑक्सिजनचे प्रमाण मोजले.
३.    ऑक्सिजन साठी पाण्यातल्या मोटारीने कारंजे तयार केले. त्याला टायमरच्या सहाय्याने दर तासाने ३० मिनिटे मोटोर चालू राहील व ऑक्सिजनचा पुरवठा होत राहील अशी व्यवस्था केली.
४.    भाजीपाला लागवडीसाठी वाफे तयार केले. त्यात मातीचा वापर न करता विटांचा वापर केला.
५.    माशांच्या तळ्यातून खराब पाणी खालच्या टाकीत जाण्याची व्यवस्था केली.
६.    वाफा क्रमांक १ मध्ये मोटोरच्या सहाय्याने खालच्या तळ्यातील पाणी सोडले. टायमरच्या सहाय्याने दर तासाने ६ मिनिटे पाणी सोडले जाण्याची व्यवस्था केली.
७.    उताराचा वापर करून गुरुत्वाकार्ष्णाच्या सहाय्याने वाफ्यातील अतिरीक्त पाणी एका वाफ्यातून दुसऱ्या वाफ्यात जाण्याकरता पाईपची रचना केली.
८.    कोकोपीटचे तयार बेड प्रत्येक वाफ्यांत बसवले.
९.    सर्व वाफ्यात विटांमध्ये अळूचे कांदे लावले. वाफा क्रमांक १, ३ व ४ मधील कोकोपीट मध्ये फ्लावरची रोपे लावली. वाफा क्रमांक २ मधील कोकोपीट मध्ये मिरचीची रोपे लावली.
१०.                    माश्यांच्या व भाजीपाल्याच्या संरक्षणासाठी बाजूने हिरवी शेडनेट व वरून पांढरी शेडनेट लावली.
महत्त्व:-
१.    कमीतकमी जागेत मत्स्यपालन करता येते.
२.    माशांचे टाकाऊ पदार्थ भाजीपाल्याच्या वाढीसाठी पोषक असतात. त्यामुळे भाजीपाल्याची वाढ चांगली होते.
३.    भाजीपाल्याची वाढ होत असताना या वनस्पती माश्यांच्या टाकीतील पाण्यातील टाकाऊ पदार्थ शोषून घेतात ज्यातून वनस्पतींना मोठ्या प्रमाणात नत्र मिळते. तसेच पाणी शुद्ध होऊन माश्यांच्या टाकीत परत सोडले जाते.







खर्च:-
SR.NO
MATERIAL NAME
QUATITY
RATE
TOTAL
1
PLASTIK PEPAR



2
VITA
2 TRELAR


3
MOTAR
1
1800
1800
4
COCOPIT
47
100
4700
5
SEEDS



6
PVC PIPE










निरीक्षण:-
१.    वाफ्यातून येणाऱ्या पाण्याच्या जवळ मासे एकत्र येतात.
२.    उन्हामुळे पाण्यातील शेवाळे वाढले त्यामुळे रात्री पाण्यातील ऑक्सिजनचे प्रमाण आवश्यकतेपेक्षा कमी झाले.


अडचणी / समस्या:-
१.    वाफे तयार करताना विटा रचताना प्लास्टिकचा कागद फाटल्याने सर्व वाफे पुन्हा तयार करावे लागले.
२.    उन्हामुळे पाण्यातील शेवाळे वाढले. शेवाळे कमी करण्यासाठी माश्यांची टाकी काळ्या प्लास्टिकने झाकली.
३.    













नोंदी:-
1.   DO मीटर रीडिंग
तारिक              दुपारी                रात्री

T
B
T
B
3.10.2016
7.9
6.5
4.7
4.0
4.10.2016


4.7
4.4
5.10.2016
5.1
2.2
5.7
4.4
6.10.2016
5.6
4.0
5.2
4.4
7.10.2016
6.0
3.7
6.9
5.1
8.10.2016
6.9
5.4
5.1
4.6
9.10.2016
6.2
4.4
5.9
4.2
10.10.2016
5.9
4.9
5.5
4.0
11.10.2016
5.10
5.2
4.4
4.2
16.10.2016


7.0
8.8
17.10.2016
9.2
8.8


18.10.2016
8.8
9.1
5.0
3.0
21.10.2016
6.8
6.2


25.10.2016
6.2
5.8
5.4
4.9





2.खाद्य रेकोर्ड
तारिक
वेळ
शे.पेंडgm
किंमती
सोयाबोनgm
किंमत
२०.०८.२०१६
९.३०.
१००





६.३०
१००



२१.०८.२०१६
९.३०
१००




६.३०
१००



२२.०८.२०१६
९.३०
१००




६.३०
१००



२३.०८.२०१६
९.३०
१००



२४.०८.२०१६
९.३०
१००




६.३०
१००

१००

२५.१०.२०१६
९.३०
१००




६.४५
१००



२६.१०.२०१६
११.३०
१००




९.००
१००



२७.०८.२०१६
९.३०
१००

५०


६.३०
१००

५०

२८.०८.२०१६
९.३०
१००

५०


६.३०
१००

५०

२९.०८.२०१६
९.३०
१००

५०


६.३०
१००

५०

३०.०८.२०१६
९.३०
१००



total

2000gm





तारिक
वेळ
सोयाबीन
Gm
किंमत
फिश फूड gm
किंमत
३०.०८.२०१६
६.३०
५०

१००

३१.०८.२०१६
७.००
५०

१००


६.३०
५०

१००

०१.०९.२०१६
८.३०
५०

१००


१२.००
५०

१००


६.३०
५०

१००

०२.०९.२०१६
१२.००
५०

१००


१२.००
५०

१००

०३.०९.२०१६
८.३०


५०

०४.०९.२०१६
७३०


५०




फिश फूड, अझोला नोंदी
                                            अझोला
तारिक
७.००AM
१२.००PM
५.००PM
९.००PM
२.00PM
8.09.2016
50
-
50
-
-
9.09.2016
50
-
50
-
-
10.09.2016
50
-
50
-
-
11.09.2016
50
-
50
-
-
12.09.2016
50
50
50
50
-
13.09.2016
50
50
50
50
-
14.09.2016
50
50
40
40
-
15.09.2016
50
50
40
40
-
16.09.2016
50
50
40
40
-
17.09.2016
50
50
40
40
-
18.09.2016
50
50
40
40
-
19.09.2016
50
50
40
40
-
20.09.2016
50
50
40
40
-
21.09.2016
50
50
40
40
-
22.09.2016
50
50
40
40
-
23.09.2016
50
50
40
40
-
24.09.2016
50
50
40
40
-
25.09.2016
50
50
40
40
-
26.09.2016
50
50
40
40
-
27.09.2016
50
50
40
40
-
28.09.2016
50
50
40
40
-
29.09.2016
50
50
40
40
-
30.09.2016
50
50
40
40
-
1.10.2016
50
50
40
40
-
2.10.2016
50
50
40
40
-
3.10.2016
50
50
40
40
-
4.10.2016
50
50
40
40
-
5.10.2016
50
50
40
40
-
6.10.2016
50
50
40
40
-
7.10.2016
50
50
40
40
-
8.10.2016
50
50
40
40
-
9.10.2016
50
50
40
40
-
10.10.2016
50
50
40
40
-
11.10.2016
50
50
40
40
-
12.10.2016
50
50
40
40
-
13.10.2016
50
50
40
40
-
14.10.2016
60
60
60
60
-
15.10.2016
60
60
60
60
-
16.10.2016
60
60
60
60
-
17.10.2016
60
60
60
60
-
18.10.2016
60
60
60
60
-
19.10.2016
60
60
60
60
-
20.10.2016
60
60
60
60
-
21.10.2016
60
60
60
60
-
22.10.2016
70
70
70
70
-
23.10.2016
70
70
70
70
-
24.10.2016
70
70
70
70
50
25.10.2016
70
70
70
70
50
26.10.2016
70
70
70
70
50
27.10.2016
70
70
70
70
50
28.11.2016
70
70
70
70
50
29.10.2016
70
70
70
70
50
30.10.2016
70
70
70
70
50
31.10.2016
70
70
70
70
50
1.11.2016
70
70
70
70
50
2.11.2016
70
70
70
70
50
3.11.2016
70
70
70
70
50
4.11.2016
70
70
70
70
50
5.11.2016
150
50
50
200
200
6.11.2016
100
50
50
150
20
7.11.2016
100
50
50
150
1000 DRYAY
8.11.2016
100
50
50
150
1000 DRYAY
+
200
WET








फोटोज:-















निष्कर्ष:-


      १. कमी जागेत व कमी पाण्यात मत्स्यपालन करता येते.
   २. पाण्याच्या शुद्धीकरणाची नैसर्गिक प्रक्रिया समजली.

 ३. पाण्याच्या पुनर्वापराचा एक उत्तम नमुना म्हणून AQUAPONICS या पद्धतीकडे पाहता येईल.

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